होम्योपैथिक चिकित्सा 

अक्सर हम सुनते आये हैं कि होम्योपैथिक चिकित्सा एक धीमा ईलाज तो है लेकिन सही दवा मिलने पर  पुराने से पुराने रोग भी बहुत जल्दी जड़ से ठीक हो जाते हैं|  होम्योपैथिक चिकित्सा के प्रति बढ़ते रुझान को देखते हुए मैंने सोचा कि क्यों न इस विषय पर बात की जाये जिससे आप इस चिकित्सा द्वारा ज्यादा बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं| 

क्या आप जानते हैं कि सही जानकारी और सही दवा मिलने पर चंद मिनटों या घंटों में भी हमेशा के लिए आराम हो जाता है? जिन बिमारियों का सम्बन्ध हमारे मन से होता है यानि मनोशारीरिक रोग, ऐसी बिमारियों की संख्या 70-80% है|  इनका पूर्ण इलाज भी काउंसलिंग एवं होम्योपैथिक दवाओं द्वारा मन के स्तर पर ही संभव है| इनको ठीक होने में ज्यादा समय नहीं लगता बशर्ते आपको पता हो कि आपने  चिकित्सक से क्या बात करनी है?

अधिकतर पेशेंट्स को यह पता ही नहीं होता कि बीमारी के लक्षणों से ज्यादा महत्वपूर्ण उन कारणों को जानना, समझना और बताना जरुरी है जिनकी वजह से बीमारी शरीर में अपनी जड़ें जमाती है|  बीमारी के लक्षणों के अतिरिक्त जो बातें हम आमतौर पर जानते हैं और जिनके बारे में हम बताते भी हैं, जैसे; हमारा खानपीन, आदतें, जीवन शैली इत्यादि | लेकिन हम अपने जीवन के व्यक्तिगत, पारस्परिक, पारिवारिक एवं सामाजिक सरोकारों एवं तनावों के बारे में अक्सर नहीं बताते, अपने व्यक्तित्व, अपने स्वाभाव के बारे में  कोई बात नहीं करते| 

जीवन जीना एक पारस्परिक/सामूहिक प्रयास है कोई अकेला नहीं जीता और हमारे वातावरण सहित हम सब एक दूसरे को शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक रूप से प्रभावित करते हैं और यही प्रभाव बीमारी एवं अन्य पारिवारिक, सामाजिक तथा अन्य समस्याओं के रूप में  नज़र आते है...

हमारे वातावरण, जीवन शैली, खानपीन के अतिरिक्त जो सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात अपने पेशेंट के विषय में एक होम्योपैथिक चिकित्सक के लिए जाननी जरुरी होती है वह यह की आप अपने निकटम लोगों से भावनात्मक रूप से किस तरह प्रभावित होते हैं या उनको प्रभावित करते हैं | 

जीवन एक मनोवैज्ञानिक युद्ध है जिसमें घायल होने का मतलब है बीमार पड़ना| भावनात्मक स्तर पर हम सबसे ज्यादा घायल होते हैं जिसके ज़ख्म बरसों बरस नहीं भरते और इंसान कैंसर जैसी अनेक लाईलाज बिमारियों से जूझता है| 

एक माँ के गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य पर उसके भविष्य में उन सभी बातों का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है जिनसे वह शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक  रूप से  प्रभावित होती है| ऐसी अनेक जन्मजात बिमारियों के पीछे कुछ ऐसे ही कारण छुपे होते हैं जिनके विषय में जानने पर उनका सफलता पूर्वक इलाज हो सकता है और ऐसा  होम्योपैथिक चिकित्सा में रोजाना  सफलता पूर्वक हो रहा है| 

आहार , स्वाद, मौसम , समय  इत्यादि के प्रति हमारी प्रतिक्रिया को जानना भी सही दवा के चुनाव में बहुत सहायक होते हैं और खासतौर कोई ऐसी प्रतिक्रिया जो  अनूठी हो यदि आप  चिकित्स्क को बताते हैं तो संभव है कि आपके चिकित्सक के लिए आपकी सही दवा का चुनाव और भी आसान हो जाये | 

हमारी नींद और नींद में आने वाले सपने स्वास्थ्य के विषय में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं क्योंकि सपनों सम्बंध हमारे सबकॉन्शस माइंड यानि अवचेतन मन से होता है जहाँ मनुष्य की अधिकांश बिमारियों के बीज दबे होते हैं | सपनों में अनुभव होने वाली भावनाओं का  सही होम्योपैथिक दवा के चुनाव में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि सपने अक्सर दबी हुई भावनाओं की खबर देते हैं | आपको यदि कोई सपना अक्सर आता है तो उसकी जानकारी अपने चिकित्स्क को अवश्य दें | 
दमित भावनाएं जो हमें स्वप्न में किसी भी रूप में  दिखाई दे सकती हैं, हमारे व्यवहार में नज़र आती हैं| जिनको हम  छुपाना चाहते हैं, किसी के साथ साझा नहीं करते बल्कि एक नकली मुस्कान के पीछे छुपाये रहते हैं , ऐसी दबी हुई भावनाओं  के बारे में बात करने के लिए अपने होम्योपैथिक चिकित्स्क से अलग से समय लें, उनके बारे में विस्तार से चर्चा करें और अपना मन पूरा खाली करदें | संभव है सिर्फ ऐसा करने से ही आपको बहुत फायदा हो जाये| 
 अतः अपनी किसी भी  शारीरिक समस्या को केवल उसी अंग की समस्या न समझें उपरोक्त सभी बातों के अतिरिक्त भी यदि कोई ऐसी बात आपको समझ आती है या आपके विचार से आपको महत्वपूर्ण लगती है तो आप मुझे मेरे व्हाट्सएप नंबर पर  संपर्क कर सकते हैं | 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा ऑनलाइन परामर्श के लिए सम्पर्क करें।
डॉ. संजय जिंदल 
बी.एच.एम.एस., एच.डी.ए.
होम्योपैथिक चिकित्सक एवं काउंसलर 
मो. 9810628612